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भारत विश्व को बताएगा पाकिस्तान का आतंकी इतिहास

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नई दिल्ली। भारत पाकिस्तान की चालीस साल की करतूतें पूरे विश्व को बताएगा। अपना पक्ष रखने के लिए लिए विभिन्न देशों का दौरा करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की ब्रीफिंग आज हुई। सरकार ने विदेश यात्रा पर गए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को भारत के आतंकवाद विरोधी संदेश के साथ जानकारी दी। भारत 40 से अधिक वर्षों से सीमा पार आतंकवाद के दुष्परिणामों को झेल रहा है। फ्रांस प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के बाद शशि थरूर ने कहा कि हमने फ्रांस को पाकिस्तान की करतूत बताई। इसके साथ ही भारत-फ्रांस द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती, राजनीतिक, आर्थिक, सामरिक, सैन्य सभी पहलुओं पर बहुत मजबूत और सकारात्मक चर्चा की। फ्रांसीसी आगंतुकों ने पहलगाम पर हाल ही में हुए आतंकवादी हमले और उसके बाद की हमारी कार्रवाइयों के मद्देनजर भारत की स्थिति के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया। रविशंकर प्रसाद ने राफेल की प्रशंसा हमारे घनिष्ठ सहयोग के प्रतीक के रूप में की... सैन्य कार्रवाइयों पर कोई विस्तृत चर्चा नहीं हुई। सरकार की अगुआई में इस प्रयास का उद्देश्य सीमा पार आतंकवाद पर भारत की स्थिति को बताना और इसके बाद अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाना है। यह पहलगाम में आतंकी हमले और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तानी सेना के समर्थन से संचालित आतंकी ठिकानों पर भारतीय हमलों के बाद किया गया है। सरकार ने प्रतिनिधिमंडलों को जानकारी देते हुए दोहराया कि उसने अब पाकिस्तान के साथ व्यवहार में जो नया सामान्य कहा जा सकता है, उसे अपना लिया है, तथा इस बात को रेखांकित किया कि भारतीय सेना और सुरक्षा प्रतिष्ठान एक स्पष्ट रणनीतिक डिजाइन के साथ काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सेना के शीर्ष अधिकारियों और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस महीने की शुरुआत में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद, ऑपरेशन सिंदूर जैसे आतंकवाद-रोधी अभियानों पर जोर दिया, जिसके तहत भारत ने 7 मई की तड़के पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया, जो नई सामान्य स्थिति का प्रतिनिधित्व करते हैं। आदमपुर एयर बेस पर वायुसैनिकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत सीमा पार उन स्थानों पर कड़ी नजर रख रहा है, जहां आतंकवादी फिर से इकट्ठा हो सकते हैं, और अगर उसे अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा महसूस होता है तो वह कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा।

अधिकारियों ने 2008 के उदाहरणों का हवाला दिया, जब भारत ने आतंकी जांच में डीएनए प्रोफाइल और कॉल डिटेल रिकॉर्ड जैसे महत्वपूर्ण सबूत साझा किए थे, लेकिन बदले में बहुत कम सहयोग मिला। व्यापक कूटनीतिक पहल के तहत, वर्तमान सांसदों, पूर्व मंत्रियों और विभिन्न दलों के नेताओं सहित 59 भारतीय राजनीतिक नेता, भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के बाद भारत के आतंकवाद विरोधी रुख के बारे में 32 देशों और ब्रुसेल्स स्थित यूरोपीय संघ मुख्यालय की यात्रा करेंगे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ ब्रीफिंग के बाद शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा, "कल हमारा दल यूएई और पश्चिमी अफ्रीका के लिए रवाना होगा। सभी 7 प्रतिनिधिमंडल हमारे देश का पक्ष रखने के लिए अलग-अलग देशों के लिए रवाना हो रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने आज सभी दलों की ब्रीफिंग की। यह ब्रीफिंग हमारी यात्राओं के लिए उपयोगी साबित होगी। पाकिस्तान इतने सालों से आतंकवाद के माध्यम से भारत पर हमला करके भारत को अस्थिर करने की कोशिश करता आया है। हम अलग-अलग देशों को इन मुद्दों से अवगत कराएंगे और विस्तार से अपनी बात रखेंगे। विदेश मंत्रालय प्रत्येक समूह को डोजियर उपलब्ध कराएगा।

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